पूर्णिया न्यूज डेस्क/ आब तक कि सबसे बड़ी खबर,आज हम आप सब को बताने वाले है कि इज़राइल, ईरान के बीच चल रही युद्ध में मौजूद संघर्ष को लेकर पूरी दुनिया दो धरो में बंट गई| इज़राइल का यह दावा है कि उसकी यह कारवाई दुनिया के अस्तित्व को बचाने के लिए है| ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब था और इसको रोकना बहुत जरूरी था|
इज़राइल कि कारावाई पर अमेरिका, इटली, यूके, जर्मनी, फ़्रांस और इटली जैसे देश खुलकर उसके समर्थन में है, वही इराक, यमन, चीन इसके विरोध में है| क्या इस युद्ध से बढ़ सकता है World WAR 3 का खतरा आइए जानते है नीचे,
दोनों देश कर रहे है जीतने का दावा? आखिर किस देश कि हुई जीत ….
बहुत पहले से ही कहा जाता है कि युद्ध को शुरू करना आसान होता है, लेकिन रोकना या खतम करना बहुत कठिन, इज़राइल, ईरान के बीच इस युद्ध में दोनों देशों को बहुत नुकसान भी हुआ इज़राइल ने ईरान के 500 से ज्यादा सैनिए ठिकाने को पूरी तरह से तबाह कर दिया, ईरानी सवास्थ मंत्रालेय ने कहा है कि करीब 600 ईरानी नागरिक मारे गये है|
4,746 घायल, इनमें 400 से ज्यादा गंभीर हालत में है| जहा दोनों देशों ने अपनी अपनी जीत का दावा किया – तो सवाल यह है कि आखिर दोनों देश जीतने का दावा कर रहे है तो जीता कोन ? क्युकी इज़राइल कहता है कि उसने ईरान मै अपना मकसद हासिल कर लिया, ईरान का परमाणु कार्यकर्म खतम कर दिया|
इन दो देशों ने दिया ईरान का साथ …
हालांकि, ईरान, इराक और यमन में मजबूत प्रभाव बनए हुए है| इराक में पियमएफ के पास करीब 2,00,000 लराके है, जो कि एक बहुत बड़ी ताकत है | यमन में हुतिया के पास भी ही लराके दल है, यदि स्थिति ईरान के लिए अस्तित्व का खतरा बन जाती है, जो कि छेत्र में एकमात्र शिया नेतृत्व वाला देश है| इससे पूरी छेत्र में युद्ध कि तेजी से विस्तार होगा| उदाहरण के लिए, पियमएफ इराक में तनाव 2,500 अमेरिकी सैनिको पर हमला कर सकता है| वास्तव में, पियमएफ के अधिक कट्टरपंथी गुटों में से एक है|